tag:blogger.com,1999:blog-3376622013971689281.post3961021086674493491..comments2023-05-31T05:42:46.862-07:00Comments on Meri awaj: दुकानें बन्द कर दो अब, दुआएँ बेचने वालों..... Rajesh Kumar Raihttp://www.blogger.com/profile/11470374028071461971noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-3376622013971689281.post-40639298886057452672020-03-01T04:27:35.114-08:002020-03-01T04:27:35.114-08:00बहुत बहुत धन्यवाद ।बहुत बहुत धन्यवाद ।Rajesh Kumar Raihttps://www.blogger.com/profile/11470374028071461971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3376622013971689281.post-32218977568224367632020-03-01T04:27:12.384-08:002020-03-01T04:27:12.384-08:00आप का हार्दिक आभार आदरणीय ।आप का हार्दिक आभार आदरणीय ।Rajesh Kumar Raihttps://www.blogger.com/profile/11470374028071461971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3376622013971689281.post-29243886210213845522020-02-26T08:23:53.209-08:002020-02-26T08:23:53.209-08:00वाह!बेहतरीन!वाह!बेहतरीन!शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3376622013971689281.post-35724312383043956682020-02-25T18:52:35.590-08:002020-02-25T18:52:35.590-08:00लाजवाबलाजवाबAnil Yadavhttps://www.blogger.com/profile/13374568325708031087noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-3376622013971689281.post-670753928188891652020-02-25T16:17:11.079-08:002020-02-25T16:17:11.079-08:00आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ...आदरणीय / आदरणीया आपके द्वारा 'सृजित' रचना ''लोकतंत्र'' संवाद मंच पर 'बुधवार' २६ फ़रवरी २०२० को साप्ताहिक 'बुधवारीय' अंक में लिंक की गई है। आमंत्रण में आपको 'लोकतंत्र' संवाद मंच की ओर से शुभकामनाएं और टिप्पणी दोनों समाहित हैं। अतः आप सादर आमंत्रित हैं। धन्यवाद "एकलव्य" https://loktantrasanvad.blogspot.in/<br /><br /><br /><br />टीपें : अब "लोकतंत्र" संवाद मंच प्रत्येक 'बुधवार, सप्ताहभर की श्रेष्ठ रचनाओं के साथ आप सभी के समक्ष उपस्थित होगा। रचनाओं के लिंक्स सप्ताहभर मुख्य पृष्ठ पर वाचन हेतु उपलब्ध रहेंगे।<br /><br /><br /><br />आवश्यक सूचना : रचनाएं लिंक करने का उद्देश्य रचनाकार की मौलिकता का हनन करना कदापि नहीं हैं बल्कि उसके ब्लॉग तक साहित्य प्रेमियों को निर्बाध पहुँचाना है ताकि उक्त लेखक और उसकी रचनाधर्मिता से पाठक स्वयं परिचित हो सके, यही हमारा प्रयास है। यह कोई व्यवसायिक कार्य नहीं है बल्कि साहित्य के प्रति हमारा समर्पण है। सादर 'एकलव्य''एकलव्य'https://www.blogger.com/profile/13124378139418306081noreply@blogger.com