साकी सारा काम तुम्हारे हाथों में
एक नजर में मैं भी होश गंवा बैठा
आगे का अंजाम तुम्हारे हाथों में
मेरे हिस्से शाम अगर आ जाती है
रख दूंगा वो शाम तुम्हारे हाथों में
अकसर सोचा करता हूं बस मेरा ही
क्यूं लिक्खा है नाम तुम्हारे हाथों में
साकी से मिलकर उस से ये कहता हूं
सारा तीरथ धाम तुम्हारे हाथों में