(1)
उसको जुनूँन है मेरी हस्ती मिटा दे,इसलिये
हर वक्त अपनें चाकुओं को धार देता है
एक तरफ मेरी अना, एक तरफ उसका गुरूर
अब देखते हैं कौन बाजी मार लेता है।
उसको जुनूँन है मेरी हस्ती मिटा दे,इसलिये
हर वक्त अपनें चाकुओं को धार देता है
एक तरफ मेरी अना, एक तरफ उसका गुरूर
अब देखते हैं कौन बाजी मार लेता है।
(2)
एक शख्स दग़ा कर रहा है हर किसी के साथ
नज़रों से ज़मानें की मुकम्मल उतर गया
इज़हारे मुहब्बत का ज़ुनूँ गौर से देखो
पहली ही मुलाकात में परवाना मर गया।
(3)
साहिल के सुकूँ से मेरा दिल ऊब गया है
मौज़ों से उलझनें का मज़ा ले रहा हूँ मै
जिस-जिस की तमन्ना हो आ जाये मेरे साथ
दुनियाँ के हौसलों को सदा दे रहा हूँ मै।
(4)
कोई सपना बनाता हूँ वो सपना टूट जाता है
कोई भी काम करता हूँ, मुकद्दर रूठ जाता है
किसी का घर जलानें वालों थोड़ा होश में आओ
एक घर बनानें में पसीना छूट जाता है।
एक शख्स दग़ा कर रहा है हर किसी के साथ
नज़रों से ज़मानें की मुकम्मल उतर गया
इज़हारे मुहब्बत का ज़ुनूँ गौर से देखो
पहली ही मुलाकात में परवाना मर गया।
(3)
साहिल के सुकूँ से मेरा दिल ऊब गया है
मौज़ों से उलझनें का मज़ा ले रहा हूँ मै
जिस-जिस की तमन्ना हो आ जाये मेरे साथ
दुनियाँ के हौसलों को सदा दे रहा हूँ मै।
(4)
कोई सपना बनाता हूँ वो सपना टूट जाता है
कोई भी काम करता हूँ, मुकद्दर रूठ जाता है
किसी का घर जलानें वालों थोड़ा होश में आओ
एक घर बनानें में पसीना छूट जाता है।
....राजेश कुमार राय।.....
dhardaar sher.....
ReplyDeletebahut pyare.... :)
शुक्रिया लोरी जी।
Deleteबेहद उम्दा सोच के साथ लिखी गई कविता
ReplyDeleteWhat a good idea in a good sentences.
ReplyDeletereally nice.
वाह..दिल को छूते अहसास...लाज़वाब..
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