सावन भादों बीत रहा है असमंजस के भावों में
लौट चलो ऐ शह्र के लोगों अपने अपने गांवों में
जिन पेड़ों को काट रहे हो उसने तुम को पाला है
सारा बचपन तुमने बिताया उन पेड़ों की छावों में
--------राजेश कुमार राय---------
लौट चलो ऐ शह्र के लोगों अपने अपने गांवों में
जिन पेड़ों को काट रहे हो उसने तुम को पाला है
सारा बचपन तुमने बिताया उन पेड़ों की छावों में
--------राजेश कुमार राय---------