Wednesday 24 August 2022

माना तुमको न्याय मिलेगा................

साकी तेरा काम बहुत है
फिर भी तू बदनाम बहुत है 

तेरे हाथों मिलने वाला 
एक ही प्याला ज़ाम बहुत है

माना तुमको न्याय मिलेगा 
फिर भी इसमें झाम बहुत है 

तेरे साथ गुजरने वाली 
सच पूछो इक शाम बहुत है

खेल नहीं है उससे मिलना 
उसका अपना दाम बहुत है 

काम बड़ा यदि करना है तो
छोटा सा पैग़ाम बहुत है

तुम हो मुनव्वर मान लिया पर 
वो भी तो गुलफ़ाम बहुत है

-------राजेश कुमार राय--------
  -------राजेश कुमार राय--------